आम की विभिन्न प्रकार की किस्में मौजूद है। उसमें से एक मल्लिका आम (Mallika Mango) की किस्म है जो बाकी आमो को बराबरी से टक्कर देती है और अपने स्वाद के लिए जानी जाती है। मल्लिका आम से जुड़ी सभी प्रकार की आवश्यक और महत्वपूर्ण बातों को जाने के लिए हमारी पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहे।
मल्लिका आम:
मल्लिका आम दिखने में चौसा और दशहरी की तरह ही होता है। इसका रंग पीला होता है परंतु या दशहरी के मुकाबले काफी बड़ा होता है। आजकल मल्लिका आम अपने स्वाद के लिए सभी आम की किस्मों को पीछे छोड़ रहा है।
मल्लिका आम का वज़न:
मल्लिका आम वजन में लगभग 700 ग्राम तक पहुंच चुका है, इसी वजह से लोग इस आम की उच्च कीमत देकर इसे खरीदने के लिए इच्छुक है। बाजारों में मलिका आम, चौसा आम की तुलना में ज्यादा बिकने वाला फल बन चुका है।
मल्लिका आम की लोकप्रियता लखनऊ में काफी बढ़ रही है।
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मल्लिका आम भारत में कहां उगता है?
किसानों के अनुसार मल्लिका आम भारत के कर्नाटका तथा तमिलनाडु में व्यावसायिक रूप से उगाए जाते हैं। इनकी खेती का मुख्य क्षेत्र कर्नाटक और तमिलनाडु को ही कहा जाता है जहां इनकी खेती काफी भारी मात्रा में होती है।
साथ ही साथ मल्लिका आम की कीमत भी अच्छी दर पर मिलती है।
मल्लिका आम का पेड़ कैसा होता हैं?
किसानों के अनुसार मल्लिका आम का पेड़ दशहरी आम की तरह ही लंबा होता है। इस पेड़ की पूरी आकृति दिखने में दशहरी आम की तरह ही नजर आती है। परंतु अपने वजन में भारी होने के कारण या दशहरी आम के मुकाबले अलग प्रतीत होता है। मल्लिका आप अपनी विशेषताओं के कारण चौसा और सफेदा जैसे आमों को पीछे छोड़ रहा है लखनऊ में सफेदा जैसे आम को इसने काफी टक्कर दी है।
मल्लिका आम स्वाद, रूप और गुणों से परिपूर्ण:
किसानों ने मल्लिका आम को धीरे-धीरे काफी मशहूर कर दिया है। मल्लिका आम रूप और खाने के भरपूर गुणों के मुकाबले आम की सबसे उत्कृष्ट किस्म मानी जाती है। कुछ सालों तक ज्यादातर लोग मल्लिका आम की गुणवत्ता से अनजान थे। तथा नई किस्में होने के कारण बाजारों तथा मार्केट में यह कम मात्रा में ही उपलब्ध थी। मल्लिका जैसे औषधीय गुणों वाली किस्म का आनंद कुछ ही बागबान और विशेष प्रेमी ले रहे थे। परंतु आज या काफी लोगों की पसंद बन चुकी है और आमों की डेढ़ सौ किस्मों में से सबसे उपयुक्त मल्लिका आम की किस्म मानी जाती है।
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चार दशक में मशहूर हुईं मल्लिका आम की किस्म :
लखनऊ में कुछ आम बेचने वालों का यह मानना है कि करीब 40 साल लग गए मल्लिका आम की विशेषता और गुणवत्ता के बारे में जानने के लिए। और जब लोगों ने मल्लिका आम की विशेषताओं को जान लिया, तो आम कि इस किस्म की मांग काफी बढ़ गई। आम की मल्लिका किस्म को खाने के बाद लोग इसकी दुगना कीमत देने के लिए तैयार हो गए। यहां तक कि लोग मल्लिका आम की किस्म का मुंह मांगा दाम देने लगे हैं। डॉ. राजन यह दावा करते हैं, कि मल्लिका आम सभी प्रकार की आमों की तुलना में जैसे: चौसा आम, दशहरी आम, नीलम आम, हापुस आम, लंगड़ा आम, केसर आम, तोतापुरी आम, हिमसागर आम, बंगानपल्ले आम जैसी किस्मों को मात दे सकता है। कुछ साल पहले तक चौसा और दशहरी आमो ने जो जगह बनाई थी। अब वह जगह मल्लिका आम की किस्म ने स्थापित कर ली है।
मल्लिका आम की किस्म के लिए उपयुक्त मिट्टी:
किसानों के लिए मल्लिका आम की फसल सबसे उपयोगी होती है, और इसीलिए इस फसल की उपयोगिता को देखते हुए किसान दोमट मिट्टी या बलुई मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं। खेतों को भली प्रकार से जोत लेते हैं उपयुक्त गहराई प्राप्त करने के बाद मिट्टियों को भुरभुरा बना देते हैं।
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मल्लिका आम की फसल का बीज उपचार:
मल्लिका आम की फसल का बीज उपचार करने के लिए किसान कुछ मिनटों तक डाइमेथोएट के समाधान में पत्थरों को डूबा देते हैं और फिर उसके बाद रोपण की क्रिया को शुरू करते हैं। इन प्रक्रियाओं द्वारा फसलों में किसी भी तरह का कीट या फिर फंगस नहीं लग पाते हैं, ना ही फसल खराब होती है। फसल का बीज उपचार करने का यह सबसे सरल और उपयोगी तरीका है।
मल्लिका आम की फसल के लिए अनुकूलित जलवायु:
किसान सबसे उपयुक्त आम की खेती के लिए उष्ण और समशीतोष्ण जलवायु को बताते हैं।
दोनों ही प्रकार की जलवायु मल्लिका आम की फसल के लिए सबसे उपयोगी होती है। तापमान लगभग 23 .8 से लेकर 26. 6 डिग्री सबसे उत्तम माना जाता है। इस तापमान में मल्लिका फसल की उत्पत्ति काफी अच्छी मात्रा में होती है।
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मल्लिका आम की फसल के लिए सिंचाई:
किसानों के अनुसार सिंचाई पूर्ण रूप से मिट्टी के प्रकार और जलवायु पर ही निर्भर होती है। बीज रोपण करने से कुछ देर पहले मिट्टियों को भुरभुरा करने के बाद उन में नमी बना लेनी चाहिए, यह सिंचाई का सबसे उत्तम तरीका होता है। लगभग 2 से 3 दिन के अंदर हल्की हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए हल्की सिंचाई सबसे उपयोगी होती है। जब बीज आ जाए तो एक बार अच्छी तरह से पूरे खेतों में सिंचाई कर लेनी चाहिए। वर्षा के दिनों में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती हैं। परंतु जल निकास का उचित साधन बनाए रहे , ताकि किसी भी प्रकार के जलभराव से फसलों को नुकसान ना पहुंचे।
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मल्लिका आम के फायदे:
मल्लिका आम ना सिर्फ अपने स्वाद बल्कि अपने आवश्यक गुणों के लिए भी जाना जाता।
मल्लिका आम खाने से विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों की प्राप्ति होती है। मल्लिका में मौजूद औषधि गुण हमारे शरीर का संतुलित बनाने में कारगर साबित हैं। त्वचा की चमक, पाचन तंत्र, विटामिंस आदि जैसी महत्वपूर्ण गुण मौजूद होते हैं।
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दोस्तों हम उम्मीद करते हैं,आपको हमारा यह आर्टिकल मल्लिका आम की विशेषताएं पसंद आया होगा। हमारे इस आर्टिकल में मल्लिका आम से जुड़ी सभी प्रकार की आवश्यक बातें मौजूद हैं। जिससे आप मल्लिका आम की विशेषताओं को भली प्रकार से जान सकेंगे। यदि आप हमारी दी हुई जानकारियों से संतुष्ट हैं। तो हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया आदि प्लेटफार्म पर भी शेयर करते रहे।
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